महाराष्ट्र के चंद्रपुर शहर में दिनांक 24.02.2018 कों प्रियदर्शिनी इंदिरा गांधी सांस्कृतिक सभागृह में प्रबोधन
विचारमंच चंद्रपुर द्वारा “संघर्ष, आरक्षण और भारतीय संविधान” इस
विषयपर चर्चासत्र आयोजित किया गया था. इस विषयपर बापू राऊत, साहित्यिक एंव बहुजन
विचारक, मुंबई और मा. प्रा.देवीदास घोडेस्वार, संविधान विशेषज्ञ, नागपुर इन्होने
उपर्युक्त विषयपर विवेकता से विचारोंका विवेचन किया. मा. विनोद सोनटक्के, मुख्य
संयोजक, प्रबोधन विचारमंच कार्यक्रम के अध्यक्षपद पर विराजमान थे. मा. बलीराम
धोटे, मुख्य संघटक, सेल्फ रिस्पेक्ट मुव्हमेंट, कार्यक्रम के उद्घाटक के तौरपर
उपस्थित थे. बहुजन विचारक तथा साहित्यिक, श्री बापू राऊत ने सभागृह कों संबोधित
करते हुए कहा, संघ परिवार “अनु.जाती एंव जनजातियो के बिच आरक्षण के मुद्देपर फुट
डालो और राज करो” पर अंमल कर रहा है. वह महाराष्ट्र के महार, आंध्र के माला और उत्तर प्रदेशके जाटव जातियोंको
लक्ष्य कर बाकी जातियोंको अपने तरफ खीच रहा है. इसके लिए आरक्षण कों शस्त्र बनाया
जा रहा है. उन्होंने कहा, संघ फुले आंबेडकर कों अपने विचारधारामे समाहित करने का
प्रयास कर रहा है. बाबासाहब आंबेडकर ने
कलम 340 के अंतर्गत सबसे
पहले ओबीसी समाज कों आरक्षण देने का प्रस्ताव रखा था. बाद में 341 और 342 के तहत अनु.जाती
एंव जनजातियोंके बारे में सोचा. उन्होंने कहा, बाबासाहब आंबेडकर ने प्रथमत: प्रौढ़ मताधिकार की माँग कर
उसे मौलिक अधिकार के कक्ष में रखने कों कहा था. ब्रिटिश भारत में व्यवस्था
परिवर्तन की सुरुवात हुई थी, लेकिन अब के भारत में अंधश्रध्दा और अंधारयुग की
यात्रा शुरू हुई है. बाबासाहब आंबेडकर ने बहुजन समाज में “हमारे ऊपर आप राज करोगे,
यह हमें कतई मान्य नहीं की भावना लोगोंमे जागृत की है.” उन्होंने आगे कहा, “भारतीय
लोकतंत्र” अब “अनियंत्रित लोकतंत्र” में परावर्तित हो रहा है. इसीलिए आतंकी गोरक्षकों
को डर नहीं लग रहा. वे दलितो एंव मुसलामानोंको बिना डर के मार रहे है. न्यायालय के
छतपर का तिरंगा निकालकर भगवा झेंडा फहरा रहे है तथा पुलिस प्रशासन के कुछ अधिकारी
अयोध्यामे राम मंदिर बनाने की शपथ ले रहे है. आरएसएस खुद का अर्ध मिलट्री फ़ोर्स
बना रहा है. यह भारतीय लोकतंत्र “अनियंत्रित” होने का स्पष्ट संकेत है. अब केवल
भारतीय सैनिक विभाजित होना बाकी है. प्रो. देवीदास घोडेस्वार, संविधान विशेषज्ञ ने
सभागृह कों संबोधित करते हुए कहा की, भारत का संविधान सब के लिए सुरक्षा प्रदान
करता है. उन्होंने कहा आरक्षण कों खत्म करना आसान नहीं है. देश की 75 प्रतिशत जनता (अनु.जाती/जनजाति
एंव ओबीसी) आरक्षण के दायरे में आती है. उनसे खतरा मोड लेना सत्ताधारी समाज के लिए
खतरा हो सकता है. उन्होंने कहा, प्रथम गोलमेज परिषद में बाबासाहब आंबेडकर ने बहुजन
समाज कों हिंदू धर्म से अलग रखकर मुस्लिम और शिख समाज कों मिलनेवाले आरक्षण बहुजन
समाज कों भी मिलने की वकालत कर ब्रिटिश सरकार कों आरक्षण के लिए राजी किया था.
कार्यक्रम के अध्यक्ष विनोद सोनटक्के, मुख्य संयोजक ने कहा, हमें भारतीय संविधान
का सरक्षण करना है. उन्होंने उपस्थित समुदाय कों, बहुजन समाज में जागृती करने का
संकल्प लेने का आवाहन किया. ‘सबको शिक्षा सबको काम, देकर रहेगा भारत का संविधान’
इस नारे के साथ कार्यक्रम की समाप्तता की गई.
nice speech
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