भारत में, अनुसूचित जाति के महिलाओं की संख्या भारत के कुल जनसंख्या से
लगभग 16% प्रतिशत है। पुरानी भारतीय जातीप्रणाली के अनुसार, अनुसूचित जाति को भारतीय
समाज में सबसे निचली जाति में से एक माना गया। अनु.जाती की महिलाएं दशकों से आर्थिक, नागरिक, सांस्कृतिक एंव राजनीतिक अधिकारों से वंचित रही है।सामाजिक बहिष्कार का
शिकार होना उनके लिए आम बात है। अनुसूचित जाति समुदाय की महिलाओं को न केवल भेदभाव, बल्कि बलात्कार, हत्या, बलपूर्वक अपहरण और नग्न परेड जैसे अमानवीय अत्याचारों से सदैव पीड़ित पाया जा रहा है। अनु.जाती की महिलाएं विशेषत: ज्यादातर गरीब, भूमिहीन और निरक्षर होने के कारन शैक्षणिक एंव आर्थिक स्थिति में समाज के निचले पायदान पर
स्थित है। थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन द्वारा महिलाओं के मुद्दे पर किए गए सर्वेक्षण
के अनुसार,
Friday, February 22, 2019
Sunday, February 10, 2019
Atrocities against scheduled caste women in India: An observation
Introduction
In India, Scheduled Caste
(SC) Women constituted about 16% of the total population of India. As per the
caste hierarchy system, the Scheduled Caste has been considered as one of the
lowest caste in the Indian Society. The SC women have been suffering from
social exclusion from economic, civil, cultural and political rights to the
decades. The women from Scheduled Caste community not only found to suffer from
discrimination but also inhuman atrocities such as rapes, murders,forceful
kidnap, social & economic boycott. The SC women are poor, illiterate,
deprived section and lowest level as per the educational and economical status.
As per the survey conducted by Thomson Reuters
Foundation on women’s issue and reported that India is the most dangerous
nation for sexual violence
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