भगवान तथा इश्वर कहा है?
कैसा है? किसीने देखा नही। पर उसके अनुभूति पर विश्वास रखा। अनुभूति पर विश्वास रखो
कहनेवाला कोण होता है? मन के डर को अनुभूति कहना कितना सच है? झूठ बोलना आसान है,
लेकिन सच बोलने के लिए हिंमत चाहिए होती है। दुनिया का हर एक धर्म ईश्वर से जुडा है।
लेकिन दुनिया में कुछ ऐसा भी धर्म और लोग है, जो ईश्वर के अस्तित्व को नहीं मानते।
वही इश्वर आज किसी की निजी संपत्ती बन बैठा
है। उसे करोडो लोगोंके आस्था का केंद्र बना दिया है। इस आस्था के केंद्र “सौदेबाजी और लुट” के अड्डे बन
गए। लेकिन लोग पुण्य और पाप के भय से चुप्पी साधे हुए है।