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प.बंगाल चुनावी घमासान |
प.बंगाल मे एप्रिल मे आठ चरणो मे विधानसभा चुनाव होने जा रहा है।
मुख्यत: दो पार्टिया भाजपा और तृणमूल कॉंग्रेस तथा वामपंथ-काँग्रेस का गठबंधन
चुनावी मैदान मे है। पश्चिम बंगाल के अभीतक के राजनीति मे काँग्रेस,
वामपंथी और तृणमूल काँग्रेस का ही शासन (सत्ता राज) रहा है। लेकिन तीनों शासन काल
मे एक समानता दिखती है। यह समानता है ब्राह्मण राज। इन पार्टियोंमे ओबीसी,
दलित और आदिवासी कार्यकर्ता केवल हाथ मे झेंडा लहराने,
दंगा कराने और मतदाताओ को पार्टी वोटर बनाने के शिवाय कोई रोल नहीं होता। इन
पार्टियोंके मंत्रिमंडल मे 90 प्रतिशत मंत्री केवल ब्राह्मण समाज से सबंधित होते
है । मंत्रिमंडल मे बोस,
भट्टाचार्या, बैनर्जी,
चटर्जी, सेन, मुजूमदार,
चक्रवर्ती, रॉय के अलावा दूसरे किसी के
नाम नहीं होते। प.बंगाल ये लोग शासक बन गए है ।