बाबासाहब आंबेडकर ने कहा था, मेरा ऐसा कोई धर्म नहीं, जिसे मैं अपना समझकर गले लगा लू! डॉक्टर आंबेडकरने ऐसा क्यों कहा होगा? इसका उत्तर देश के हर कोनेमें होती रोज़मर्रा हत्या से मिलती है। दलितोंकों किसी भी कारण से मारापिटा जाता है, दलित महिला रोज शारीरिक अत्याचार का शिकार बनती है। उन्हे क्रूरता से मानवीय अधिकार वंचित किया जाता है। भारत के तथाकथित सभ्य समाज को ना इसका गुस्सा आता है, ना आरोपियोंके सजा के लिए रोड पर आता है। सच तो यह भी है, दलित भी अन्याय सहन करने की आदत बना बैठा है। जो आवाज उठाता है, उसे पुलिस या दबंगियों द्वारा जेल में ठूसकर मारा जाता है। आज के भारत का यही एक क्रूर सच है।