“रामचरित मानस” यह नाम सुनतेही तूलसीदास की याद आती है. क्योकि “रामचरित मानस” इस किताब के वे लेखक है। ऐसे तुलसिदासजी का जन्म उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के राजापुर गाव में हुवा था। इतिहासकारों में इनके जन्मदिन के बारे मतभेद है. लेकिन इनका जन्म वर्ष 1532 के आसपास था. उनकी मृत्यु इस्वी 1623 में वाराणसी में हुवा था।
तुलसीदास मुग़ल शासक बाबर (1483-1530), अकबर (1542-1605) और जहाँगीर (1569-1627) के समय में थे। उन्होंने बाबर के उत्तरकाल से लेकर अकबर,जहाँगीर का पूरा कालखंड देखा और परखा है। मुग़ल शासक बाबर का सेनापती मिरबाकी के कारनामे और उसकी करतुतियों पर उनकी बारीक नजर होगी। ऐसा मान लेना चाहिए। वे अकबर के पुत्र जहाँगीर के समय 1623 में मृत्युवासी हो गए। अकबर के दरबार में नवरत्न रहे टोडरमल तुलसीदास के अच्छे मित्र थे। इसकी चर्चा “तुलसी जयंती” नमक किताब में मिलती है।