अलीकडे न्यायालयाचे असे अनेक निर्णय आले की, जे
समानतेच्या व शोषित वर्गाच्या विरोधी जात शोषक वर्गाची पाठराखण करू पाहणारे होते. ॲट्रासिटी कायद्याच्या संदर्भात सर्वोच्च न्यायालयाकडून आलेला
निकाल हा त्याच प्रवृत्तीमध्ये मोडणारा दिसतो. अनु.जाती व जनजाती अत्याचार प्रतिबंधक
कायद्याच्या संदर्भात आलेला हा निर्णय वर्णव्यवस्थावादी श्रेष्ठ आणि कनिष्ठत्वाची
दरी कायम ठेवून खालच्या वर्गाने वरच्या वर्गाचे अत्याचार सहन करण्यावरचे
शिक्कामोर्तबच आहे. भारतीय संविधानाचे कलम ४६ नुसार राज्य हे दुर्बलतर जनवर्ग
(अनुसूचित जाती व जमाती) यांचे वरील सामाजिक अन्याय व सर्व प्रकारचे शोषण यापासून संरक्षण करील याची हमी देते. त्यानुसारच
अत्याचार प्रतिबंधक कायदे बनविण्यात आले. परंतु सर्वोच्च न्यायालयाच्या सद्य निकालामुळे
कायद्यानेच कायद्याचा पराभव केला हे स्पष्ट दिसते.
Saturday, March 24, 2018
Friday, March 2, 2018
चंद्रपुर शहर में “संघर्ष, आरक्षण और भारतीय संविधान” पर चर्चासत्र
महाराष्ट्र के चंद्रपुर शहर में दिनांक 24.02.2018 कों प्रियदर्शिनी इंदिरा गांधी सांस्कृतिक सभागृह में प्रबोधन
विचारमंच चंद्रपुर द्वारा “संघर्ष, आरक्षण और भारतीय संविधान” इस
विषयपर चर्चासत्र आयोजित किया गया था. इस विषयपर बापू राऊत, साहित्यिक एंव बहुजन
विचारक, मुंबई और मा. प्रा.देवीदास घोडेस्वार, संविधान विशेषज्ञ, नागपुर इन्होने
उपर्युक्त विषयपर विवेकता से विचारोंका विवेचन किया. मा. विनोद सोनटक्के, मुख्य
संयोजक, प्रबोधन विचारमंच कार्यक्रम के अध्यक्षपद पर विराजमान थे. मा. बलीराम
धोटे, मुख्य संघटक, सेल्फ रिस्पेक्ट मुव्हमेंट, कार्यक्रम के उद्घाटक के तौरपर
उपस्थित थे. बहुजन विचारक तथा साहित्यिक, श्री बापू राऊत ने सभागृह कों संबोधित
करते हुए कहा, संघ परिवार “अनु.जाती एंव जनजातियो के बिच आरक्षण के मुद्देपर फुट
डालो और राज करो” पर अंमल कर रहा है. वह महाराष्ट्र के महार, आंध्र के माला और उत्तर प्रदेशके जाटव जातियोंको
लक्ष्य कर बाकी जातियोंको अपने तरफ खीच रहा है. इसके लिए आरक्षण कों शस्त्र बनाया
जा रहा है. उन्होंने कहा, संघ फुले आंबेडकर कों अपने विचारधारामे समाहित करने का
प्रयास कर रहा है. बाबासाहब आंबेडकर ने
महाराष्ट्र के चंद्रपुर शहर में दिनांक 24.02.2018 कों प्रियदर्शिनी इंदिरा गांधी सांस्कृतिक सभागृह में प्रबोधन
विचारमंच चंद्रपुर द्वारा “संघर्ष, आरक्षण और भारतीय संविधान” इस
विषयपर चर्चासत्र आयोजित किया गया था. इस विषयपर बापू राऊत, साहित्यिक एंव बहुजन
विचारक, मुंबई और मा. प्रा.देवीदास घोडेस्वार, संविधान विशेषज्ञ, नागपुर इन्होने
उपर्युक्त विषयपर विवेकता से विचारोंका विवेचन किया. मा. विनोद सोनटक्के, मुख्य
संयोजक, प्रबोधन विचारमंच कार्यक्रम के अध्यक्षपद पर विराजमान थे. मा. बलीराम
धोटे, मुख्य संघटक, सेल्फ रिस्पेक्ट मुव्हमेंट, कार्यक्रम के उद्घाटक के तौरपर
उपस्थित थे. बहुजन विचारक तथा साहित्यिक, श्री बापू राऊत ने सभागृह कों संबोधित
करते हुए कहा, संघ परिवार “अनु.जाती एंव जनजातियो के बिच आरक्षण के मुद्देपर फुट
डालो और राज करो” पर अंमल कर रहा है. वह महाराष्ट्र के महार, आंध्र के माला और उत्तर प्रदेशके जाटव जातियोंको
लक्ष्य कर बाकी जातियोंको अपने तरफ खीच रहा है. इसके लिए आरक्षण कों शस्त्र बनाया
जा रहा है. उन्होंने कहा, संघ फुले आंबेडकर कों अपने विचारधारामे समाहित करने का
प्रयास कर रहा है. बाबासाहब आंबेडकर ने
Thursday, March 1, 2018
गडचिरोली (महाराष्ट्र) में जयंती दिन कार्यक्रम
दिनांक 25.02.2018 जिला गडचिरोली में जयंती दिन कार्यक्रम
संपन्न हुवा. यह जयंती दिन कार्यक्रम शिवाजी महाराज, संत रोहिदास एंव संत
गाडगेबाबा के जन्मोदीन के उपलक्ष्य में लिया गया. इस कार्यक्रम के संयोजक धर्मानंद
मेश्राम एंव सोशल एज्युकेशन मुव्हमेंट, माली समाज संघटना, संभाजी ब्रिगेड,
राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ थे. कार्यक्रम के अध्यक्ष के तौरपर श्री बापू राऊत, साहित्यिक एंव
बहुजनवादी कार्यकर्ता, मुंबई इन्होने “आज की सामाजिक, सांस्कृतिक स्थिति एंव फुले
आंबेडकरी आंदोलन” के बारेमे विस्तार से चर्चा की. उन्होंने बाबासाहब आंबेडकर के
अंतिम ध्येय कों हासिल करने के लिए सभी संघटनाओ (राजकीय एंव सामाजिक) के एकता पर
बल देकर कहा की, विघटित लोग कभी भी अंतिम उद्देश कों सफल नहीं कर सकते इसीलिए उन्होंने
अभी स्वार्थी नेताओके खिलाफ आंदोलन छेडने तथा
जनता में एकजुटता लाने की सलाह दी. जिजाऊ ब्रिगेड, चंद्रपुर की महिला प्रवक्ता अर्चना दिलीप चौधरी ने
“शिवाजी महाराज की महिला विषयक निति” के बारेमे जनसमूह के साथ
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