सिएटल सिटी, अमेरिका का एक ऐसा शहर जहा “जातिगत भेदभाव” को कानूनी दायरे में लाया गया है। सिएटल सिटी मे २१ फरवरी को हुए परिषद में 6-1 से प्रस्ताव पारित किया गया। सिएटल परिषद के सदस्य थे,
लिसा हर्बोल्ड, टामी मोरालेस, क्षमा सावंत, अलेक्स पेडर्सन, देबोरा जौरेज़, डान स्ट्रॉस और अंद्रेव
लेविस थे। प्रस्ताव के विरोध में केवल एक असहमतिपूर्ण वोट डाला गया। अब, इससे वहा रहनेवाले भारतीय बहुजनोंको जातिगत भेदभाव के
अत्याचार पर कानून का सरक्षण मिलेगा। वैसे, यह अमेरिका में जातिगत भेदभाव को लेकर उठाया गया पहला कदम नहीं है। उसके पहले पिछले तीन वर्षों में, अमेरिका में कई विश्वविद्यालयों और कॉलेजों ने जातिगत भेदभाव को
प्रतिबंधित करने के लिए कदम उठाए हैं। दिसंबर 2019 में, बोस्टन
के पास ब्रैंडिस विश्वविद्यालय पहला अमेरिकन कॉलेज है, जहा अपनी गैर-भेदभाव नीति में जाति को शामिल किया है।
कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी सिस्टम, कोल्बी कॉलेज,
ब्राउन यूनिवर्सिटी और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, डेविस ने जातिगत भेदभाव के खिलाफ कड़क उपाय अपनाए हैं। हार्वर्ड
यूनिवर्सिटी ने 2021 में जातिगत भेदभाव के खिलाफ सामान कानूनी निति अपनाई।