भारत सरकारने गरीबी रेखा से नीचे रह रहे कुछ
लाख निर्धनों लोगो को मुफ्त 200 मिनट
लोकल टॉकटाइम के साथ मोबाइल फोन बाटणे का फैसला लिया है। गरीबोको मोबाईला बाटणे के इस फैसले का हम फुले-आंबेडकराईट
लोग विरोध नाही करेंगे। क्योकी देश मे अस्सी फीसदी से जादा गरीब दलित ही है।
हर दलित के हात मे मोबाइल आनेसे दलितोमे आपस मे वार्तालाप होगा। हर एक दलित अपनी समस्या आपस
मे शेअर कर सकेंगे। आंदोलन के दृष्टी से भी इसके दूरगामी परिणाम सिध्द्ध हो सकते है। दलितो का संवाद बढ़
जाएगा। इस दृष्टी से इस निर्णयका स्वागत
करते है।
इस निर्णय से गरीबोंकों सस्तावाला सिर्फ एक मोबाइल मिलेगा किन्तु
सत्ताधारी पक्ष के लोग और सरकारी अधिकारी इनकी
लाखो रुपयो की कमाई होगी। करोड़ो का भ्रष्टाचार होगा यह सुनिश्चित है। मोबाइल कंपनियों
की भी करोड़ो का फायदा होगा। और सरकार (कांग्रेस को) को वोटो के हिसाब से फायदेमंद होगा। 7,000 करोड़ की यह प्रस्तावित योजना लूट-खसोट का नया
अवसर बनेगी?
लेख- बापू राऊत
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